Hit-The Third Case Review: किसी भी फिल्म के हिट होने से क्या मतलब है? आसान शब्दों में कहें तो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन करना. यह तब संभव है, जब दर्शक उसे पसंद करे. रही बात इस फिल्म की तो यह हिट नाम से ही रिलीज हुई है. वैसे आपको बता दें, यहाँ हिट से सफलता का बिल्कुल भी मतलब नहीं है. हिट( HIT) का मतलब Homicide Intervention Team है, जो मर्डर के मामलों की जांच करता है. HIT: The Third Case, HIT यूनिवर्स की तीसरी फिल्म है, जो अपराध और रहस्य की पहेलियों को गहराई से पेश करने के लिए जानी जाती है. इस फिल्म को शैलेश कोलानु ने डायरेक्ट किया है. HIT: द फर्स्ट केस और द सेकेंड केस की सफलता के बाद यह तीसरी फिल्म कहानी को और अधिक गंभीर, उलझी हुई और भावनात्मक बनाती है. नानी के प्रभावशाली रोल से यह फिल्म और भी दमदार एक्शन और क्राइम थ्रिलर साबित होती है.
कहानी
फिल्म की कहानी “Homicide Intervention Team” के एक होशियार, लेकिन भावनात्मक रूप से टूटे हुए अफसर अर्जुन सरकार (नानी) के इर्द-गिर्द घूमती है. फिल्म शुरू से ही आपको बांधे हुए रखती है. शुरुआत मे दिखाया जाता है कि अर्जुन सरकार (नानी) को जेल हो गई है. फिर अंत मे जो होता है, वो आप सोच भी नहीं सकते. फिल्म में दिखाया गया है कि 13 अलग-अलग लोगों को बेरहमी से मारा जाता है और उनके 3 अलग-अलग अंग को कातिल निकाल लेता है. लेकिन, ये अंग किड्नी, लिवर या फिर दिल नहीं है कुछ और है. यह कौन कर रहा है? क्यूँ कर रहा है? इसका क्या मकसद है? HIT: The Third Case के अफसर अर्जुन सरकार इसकी जांच करते हैं और इसी जांच में बहुत सारे खुलासे होते है. जबरदस्त मार-काट देखने को मिलता है और इसी बीच अर्जुन सरकार को जेल भी हो जाती है. इस फिल्म में आगे क्या होता है और अर्जुन सरकार को शुरू में ही जेल क्यूँ होती है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी चाहिए. (hit the third case hit or flop)
अभिनय
नानी( अर्जुन सरकार ) का अभिनय Hit: The Third Case फिल्म की जान है. उन्होंने एक ऐसे पुलिस अफसर का रोल किया है जो बाहर से सख्त दिखता है, लेकिन अंदर से टूटा हुआ है. अगर आपने नानी की शनिवारम मूवी देखी है, तो बता दें कि इस फिल्म में नानी का गुस्सा और केस सॉल्व करने का पागलपन बहुत ही ज्यादा है. सहायक कलाकारों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है. हर किरदार कहानी में अपनी भूमिका निभाता है, चाहे वह मेन कैरेक्टर हो या सहायक. विलेन की भूमिका उतनी खास नहीं है, लेकिन नानी के जबरदस्त एक्टिंग के कारण उतना पता नहीं चलता है.
निर्देशन और लेखन
निर्देशक सैलेश कोलानु ने एक बार फिर दिखा दिया कि वो क्राइम थ्रिलर शैली में माहिर हैं. स्क्रिप्ट की बात करे तो इसमें कोई मास्टर स्टोरी नहीं है लेकिन फिर भी ये आपको बोरिंग फील नहीं करवाता. कहानी में एक भी फालतू सीन नहीं लगता. फ्लैशबैक और वर्तमान के बीच का संतुलन शानदार है बल्कि पूरी फिल्म फ्लैशबैक पर ही चलती है. केस की गुत्थी को सुलझाते हुए इमोशनल एंगल को जिस तरह से दिखाया गया है, वह फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है. फिल्म कहीं भी ओवरड्रामैटिक नहीं लगती, जो इसे और भी प्रभावशाली बनाता है. इसमें एक कैमियो भी है जो फिल्म को और भी इंटरेस्टिंग बनाया है. स्टोरी ठीक ठाक है लेकिन ट्रीटमेंट अच्छा है.
सिनेमैटोग्राफी और संगीत
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है. कैमरे का काम हर फ्रेम में सस्पेंस और तनाव को जाहिर करता है. रात के दृश्य, क्लोज-अप शॉट्स और अंधेरे में शूटिंग फिल्म के मूड को और भी रहस्यमयी बना देती है. एक सीन में दिखाया गया है, जहां अर्जुन सरकार व्हाइट टक्सीडो पहने हुए लड़ाई कर रहा होता है और उसके व्हाइट टक्सीडो पर लाल खून सीन को और भी इंटरेस्टिंग और भयानक बनाता है. बैकग्राउंड म्यूजिक प्रभावी है. वह सीन के साथ मेल खाता है और कभी भी भारी नहीं लगता. यह फिल्म थ्रिल और इमोशन दोनों को बराबर सपोर्ट करता है.
कनक्लूजन
HIT: द थर्ड केस (hit the third case hit or flop) एक शानदार क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है. इसमें दमदार अभिनय, ठोस निर्देशन, और भावनात्मक गहराई है. इस फिल्म का शुरुआती हिस्सा थोड़ा धीमा लग सकता है, लेकिन इंटरवल और क्लाइमेक्स इतना प्रभावशाली है कि दर्शक संतुष्ट होकर सिनेमा हॉल से बाहर निकलते हैं. यह फिल्म वन टाइम वॉच तो है. बहुत सारा एक्शन होने के कारण इस फिल्म को “A” रेटेड सर्टिफिकेट मिला है, तो खासकर बच्चे इस फिल्म से दूर रहें.
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