Heart Problems: तेज वॉकिंग से कम होती हैं हार्ट रेलेटेड प्रॉब्लेम्स, जानिए रिसर्च क्या कहती है

Heart Problems: क्या आप भी रोज़ तेज़ कदमों से टहलने या चलने की आदत रखते हैं? अगर हां, तो आपके दिल का स्वास्थ्य बाकी लोगों से कहीं बेहतर हो सकता है। एक ताज़ा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि तेज़ चाल से चलने वाले लोगों को दिल संबंधी समस्याओं का खतरा न सिर्फ़ कम होता है, बल्कि उनकी हृदय प्रणाली ज्यादा मजबूत और सुरक्षित भी रहती है।

यह शोध ब्रिटेन की यूके बायोबैंक के 4.20 लाख से अधिक प्रतिभागियों पर किया गया। इसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि औसत या धीमी गति से चलने वालों की तुलना में तेज़ चाल से चलने वालों को हार्ट डिजीज़, हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कम करना पड़ता है।

कितना तेज़ चलना है, यह भी है ज़रूरी

तेज़ चलने का मतलब यह नहीं कि आप दौड़ लगाना शुरू कर दें। विशेषज्ञों के अनुसार,अगर आपकी चाल इतनी तेज़ है कि आप बातचीत करते हुए हल्की-सी सांस फूलने का अनुभव करें, तो वह आदर्श गति मानी जाती है। इससे Heart Problems होते हैं दूर।

द हार्ट जर्नल में पब्लिश इस शोध में यह भी सामने आया कि तेज़ चाल से चलने वाले लोग न सिर्फ़ फिट रहते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव, मोटापा, और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

डेटा क्या कहता है? आंकड़े खोलते हैं सेहत का राज

13 वर्षों तक चले इस स्टडी में कुल 4,17,000 से अधिक लोगों की जानकारी को विश्लेषित किया गया।

तेज़ चाल से चलने वालों में दिल की बीमारियों का जोखिम 35% तक कम पाया गया।

धीमी चाल से चलने वालों की तुलना में तेज़ चाल से चलने वालों की मृत्यु दर भी कम थी।

High Blood Pressure, heart attack, स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज़ जैसी समस्याओं का खतरा भी तेज़ चाल से चलने वालों में काफी हद तक घटा पाया गया।

किन्हें अपनाना चाहिए तेज़ चलने की आदत?

विशेषज्ञों का कहना है कि खासतौर से 40 की उम्र पार कर चुके लोगों को तेज़ गति से चलने की आदत ज़रूर डालनी चाहिए। यह एक ऐसा सरल व्यायाम है जिसे किसी भी उम्र, वजन या फिजिकल कंडीशन के लोग कर सकते हैं।

यह आदत न सिर्फ़ हार्ट बल्कि फेफड़ों, ब्लड सर्कुलेशन और दिमाग के लिए भी फायदेमंद होती है। रोज़ाना 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक यानी तेज़ चाल से चलना आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।

और भी फायदे हैं इस आदत के

यह वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है

हड्डियों को मजबूत बनाता है

डिप्रेशन और एंग्जायटी से राहत देता है

नींद में सुधार करता है

इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है

सिर्फ दिल ही नहीं, शरीर के और भी हिस्सों को होता है फायदा

तेज़ चलने से दिल के साथ-साथ शरीर के और भी हिस्से को भी फायदा मिलता है। इससे:

फेफड़े बेहतर तरीके से काम करते हैं।

शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

मेटाबॉलिज्म तेज़ होता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

मांसपेशियां मज़बूत होती हैं और हड्डियों की सेहत भी सुधरती है।

सबसे अच्छी बात यह है कि तेज़ चलने के लिए आपको महंगे जिम की ज़रूरत नहीं है। आप सुबह या शाम को घर के पास ही तेज़ चाल में 30-40 मिनट चलकर सेहतमंद बन सकते हैं।

तेज़ चाल से चलना – सेहत की सादगी भरी चाबी

इस भागती-दौड़ती ज़िंदगी में जहां जिम या एक्सरसाइज़ का समय निकाल पाना मुश्किल होता है, वहां तेज़ चाल से चलना एक आसान, सस्ता और असरदार तरीका है अपनी सेहत सुधारने का।

इस शोध से एक बात तो साफ़ हो गई है — तेज़ चाल से चलना केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक डेली रूटीन है, जो लंबे समय तक हार्ट को हेल्थी बनाए रखने में सहायक हो सकती है।

तो अगली बार जब आप वॉक पर जाएं, तो सिर्फ चलें नहीं, तेज़ चलें—क्योंकि आपके हर कदम में छुपा है आपके दिल की सेहत का राज।

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