Bihar Elections 2025: बिहार ने एक बार फिर देश को चौंका दिया है। इस बार बात किसी घोटाले या परेशानी की नहीं, बल्कि एक बड़ी उपलब्धि की है। देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि लोगों ने अपने मोबाइल फोन से वोट डाला है। जी हाँ, मोबाईल फोन से वोट करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहाँ नगर निकाय उपचुनाव में मोबाइल एप के जरिए वोटिंग हुई। और खास बात ये है कि इसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने मोबाइल से वोटिंग की।
क्या है पूरी खबर?

शनिवार, 28 जून 2025 को बिहार के 26 जिलों में नगर निकाय चुनाव और उपचुनाव हुए। इन चुनावों में कुल 42 नगर पालिकाओं में वोट डाले गए। इस बार की खास बात यह थी कि लोगों को पहली बार मोबाइल एप के जरिए वोट डालने का मौका मिला। यानी अब लाइन में लगने की झंझट नहीं, न बूथ पर जाना पड़ा। बस मोबाइल उठाइए, ऐप खोलिए और अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दीजिए।
इतिहास रच दिया बिहार ने
Bihar Elections 2025: बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ मोबाइल से वोटिंग की शुरुआत हुई है। इस अनोखे प्रयोग को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने खुशी जाहिर की और इसे लोकतंत्र की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि अब वोटिंग करना और आसान हो गया है, और इससे मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा।
बिहार ई-वोटिंग का रिकॉर्ड
इस चुनाव में करीब 70 फीसदी वोट मोबाइल से डाले गए। जबकि कुल मिलाकर पूरे चुनाव में लगभग 62 प्रतिशत मतदान हुआ। इसका मतलब ये है कि इस बार परंपरागत बूथ वोटिंग से ज्यादा लोगों ने मोबाइल एप के जरिए वोट डाला।
ई-वोटिंग करने वाले मतदाताओं में 72 प्रतिशत पुरुष और 63 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। कुल 51,155 लोगों ने ई-वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, सबसे ज्यादा रेजिस्ट्रेशन बक्सर से हुई।
किन जिलों में हुई वोटिंग?
इस ई-वोटिंग में पटना, बक्सर, रोहतास, सारण, बांका और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों के मतदाताओं ने हिस्सा लिया। ये प्रयोग इन जिलों के विभिन्न नगर निकायों में किया गया और लोगों ने काफी उत्साह से इसमें भाग लिया।
मतगणना कब होगी?
अब सबकी निगाहें 30 जून पर टिकी हैं। इसी दिन इन चुनावों की मतगणना होगी और पता चलेगा कि कौन जीता और कौन हारा। चुनाव आयोग के अनुसार नगरपालिका आम चुनाव में इस बार कुल 84 वार्ड पार्षद, 6 उपमुख्य पार्षद और 6 मुख्य पार्षद की सीटों का फैसला होना है। वही बता दें कि नगरपालिका उप चुनाव के तहत 40 पदों के लिए इलेक्शन कराया गया।
कैसे हुई ई-वोटिंग?
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए खास मोबाइल एप तैयार किया था। जो लोग इस सुविधा का लाभ लेना चाहते थे, उन्होंने पहले से रजिस्ट्रेशन कराया। रजिस्ट्रेशन के बाद एप में लॉग इन करके अपना आधार कार्ड और पहचान पत्र डालना पड़ा। फिर ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद व्यक्ति अपने मोबाइल से ही वोट डाल सका।
ई-वोटिंग क्यों है जरूरी?

ई-वोटिंग से समय की बचत होती है, लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ती और बुजुर्ग या दूर-दराज के लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। साथ ही इससे पारदर्शिता भी बढ़ती है क्योंकि हर वोट रिकॉर्ड होता है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस पूरे प्रयोग को बड़ी सफलता बताया है। आयोग का कहना है कि उनका उद्देश्य यही है कि हर मतदाता को एक आसान, पारदर्शी और जिम्मेदार मतदान प्रक्रिया मिल सके। और ई-वोटिंग से यह लक्ष्य बहुत हद तक पूरा होता दिख रहा है।
सम्राट चौधरी ने क्या कहा?
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि बिहार आज एक नया इतिहास लिख रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयोग दिखाता है कि कैसे तकनीक के जरिए हम लोकतंत्र को और मजबूत बना सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में देश के दूसरे राज्यों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
महिलाओं की भागीदारी भी शानदार

इस ई-वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी रही। करीब 63.38 प्रतिशत महिलाओं ने मोबाइल से वोट डाला। यह दिखाता है कि महिलाएं भी अब टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ रही हैं और अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं।
जनता क्या कह रही है?
ई-वोटिंग करने वाले लोगों ने इस सुविधा की तारीफ की है। कुछ लोगों का कहना है कि अब बूथ पर जाकर घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। वहीं बुजुर्गों और महिलाओं ने भी कहा कि मोबाइल से वोटिंग करना बहुत आसान और सुरक्षित है।
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