Vastu Dosh Tips: घर का गलत वास्तु बना सकता है आपको बीमार,जानिए ऐसे 5 दोष

Vastu Dosh Tips: हम सबने एक कहावत जरूर सुनी है – “स्वास्थ्य ही धन है।” लेकिन आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर सिर्फ पैसे के पीछे भागते हैं और यह भूल जाते हैं कि असली दौलत तो अच्छी सेहत और मानसिक शांति में छिपी होती है। हमारे घर का environment, उसकी दिशा और बनावट भी हमारे हेल्थ और वेल्थ में बड़ा योगदान देती है।

भारत की प्राचीन वास्तुशास्त्र विद्या के अनुसार, अगर हमारे घर का बनावट नेचर एनर्जी के अनुसार नहीं हुआ है तो उसका सीधा असर हमारे लाइफ पर पड़ता है – जैसे बीमारियां, मानसिक तनाव, घरेलू कलह और आर्थिक तंगी। आइए जानते हैं कुछ ऐसे आम वास्‍तु दोष जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं:

1. भगवान सूर्य का रथ और रोशनी का महत्व

Vastu Dosh Tips: वास्‍तु शास्त्र में सूर्य की direction और प्रकाश को बहुत अहम माना गया है। माना जाता है कि सूर्य के रथ में सात घोड़े होते हैं और उसी तरह सूर्य की रोशनी में सात रंग होते हैं, जो जीवन के सात पहलुओं को अफेक्ट करते हैं।

अगर आपके घर की छत पर बारिश का पानी पश्चिम दिशा की ओर बहता है तो घर के मेल मेम्बर को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। सूर्य की रोशनी का सीधा प्रवेश आपके घर में positive energy लाता है, जिससे mind और body बेहतर बना रहता है।

2. वायु देव का कोना (उत्तर-पूर्व दिशा)

अगर आपके घर में उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट बना है तो यह गंभीर बीमारियों और सर्जरी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस दिशा को बहुत ही पवित्र और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है।

अगर इस दिशा में कपल्स का बेडरूम है तो pregnancy में प्रॉब्लेम्स ,abortion या बच्चे में कोई असामान्यता हो सकती है। इसके अलावा, अगर सोते समय सिर उत्तर की तरफ रखते हैं तो यह नींद में खलल और मानसिक तनाव का कारण बनता है।

उत्तर-पश्चिम दिशा, जिसे वायु देव का कोना कहा जाता है, स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए शुभ मानी जाती है। लेकिन अगर यह हिस्सा गड़बड़ है तो अस्थमा और सांस की बीमारियां हो सकती हैं।

3. कोनों में दोष

घर के कोनों का सही संतुलन वास्तु के लिए बेहद जरूरी है। खासकर उत्तर-पश्चिम कोना अगर गलत तरीके से बना है या घर में ठीक से शामिल नहीं है तो इससे शादीशुदा जीवन में समस्याएं आती हैं।

अगर इस दिशा में बेडरूम है तो कपल्स के बीच sexual relations में दिक्कतें आ सकती हैं।

4. दक्षिण-पश्चिम दिशा का रखे खास ध्यान

अगर घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में टॉयलेट, बोरवेल, भूमिगत पानी की टंकी या स्वीमिंग पूल है तो यह स्ट्रेस, डिप्रेशन, हार्मोनल असंतुलन और गंभीर मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसक ध्यान रखना वास्तु के लिए बहुत जरूरी है.

5. दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिशा के प्रभाव

वास्तु ये कहता है कि दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम होने से ब्लड प्रेशर की समस्या और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। यह हमारे डेली रूटीन को अफेक्ट करता है और परिवार में स्ट्रेस पैदा करता है।

पूर्व दिशा, जहाँ से सूर्य निकलता है, बहुत संवेदनशील मानी जाती है। अगर इस दिशा में भारी सामान या बंद दीवारें हों तो यह आँखों से जुड़ी समस्याएं, स्ट्रोक, लकवा और माइग्रेन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

क्या करें वास्‍तु दोष दूर करने के लिए?

वास्तु दोष सही करने के लिए, सुबह के समय घर में सूर्य की रोशनी आने दें।

उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ और हल्का रखें।

इस दिशा में टॉयलेट हो तो वास्तु उपाय जैसे पिरामिड या नमक पानी से पोंछा लगाना अपनाएं।

सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखें।

भारी सामान पश्चिम और दक्षिण दिशा में रखें।

घर के कोनों में रेगुलर सफाई और सुगंधित धूपबत्ती का प्रयोग करें।

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